अवैध पशु परिवहन पर रोक लगाने हेतु आयोजित बैठक में स्थानीय पुलिस अधिकारी और ट्रस्ट कर्मी, जीवदया धाम (जुलाई 2020).
श्रावण महीने की पवित्रता में जुटे गोधरा के जीवकल्याण पंजरापोल ट्रस्ट ने जुलाई 2020 के अंत में महज दो दिनों के भीतर 12 गौवंशों को अवैध वध से बचाने में सफलता हासिल की. ट्रस्ट को 22 जुलाई 2020 को दोपहर सूचना मिली कि सिंगल फलिया इलाके में कत्ल के इरादे से कुछ गायों को बाँधा गया है. ट्रस्ट के बचाव दल ने तुरंत स्थानीय पुलिस के साथ छापेमारी की योजना बनाई. उसी दिन करीब 1 बजे, दल ने अली मस्जिद के पीछे स्थित एक स्थान से दो गायों को मुक्त कराया, जहाँ उन्हें गुप्त रूप से रखा गया था. फिर शाम 6:30 बजे, दूसरी कार्रवाई देव तलावड़ी रोड पर की गई, जहाँ एक बैल को बूचड़खाने ले जाने की तैयारी थी. पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए तस्करों को पकड़ लिया और जानवरों को ट्रस्ट के हवाले कर दिया.
अगले ही दिन, 23 जुलाई को, बचाव दल ने इसी तरह की और घटनाओं पर लगाम लगाई. दो दिनों में कुल मिलाकर 12 पशुओं को कत्लखाने पहुँचने से पहले ही छुड़ा लिया गया. ट्रस्ट के अध्यक्ष ने बताया कि इनमें से कई गायें गर्भवती थीं और समय पर बचाव न होता तो बड़ी त्रासदी हो सकती थी. सभी मुक्त कराए गए गौवंशों को तुरंत जीवदया धाम लाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया और पोषण दिया. “दो दिनों में १२ जीवों को बचाना हमारे लिए एक रिकॉर्ड था,” ट्रस्ट के पशुचिकित्सक ने कहा, “यह स्थानीय पुलिस के सहयोग के बिना असंभव था”. ट्रस्ट की ओर से गोधरा टाउन पुलिस थाने के अधिकारियों को आभार पत्र भेजा गया है, जिनकी मुस्तैदी से ये ऑपरेशन सफल रहे. स्थानीय समाज में ट्रस्ट की साख और बढ़ी है – आस-पड़ोस के गांवों से लोग अब तुरंत सूचित करते हैं जैसे ही उन्हें कहीं गौ-तस्करी की भनक लगती है. जुलाई 2020 की इन कार्रवाइयों के बाद, प्रशासन ने अवैध पशु वध के अड्डों पर निगरानी और कड़ी कर दी है. जीवकल्याण पंजरापोल ट्रस्ट ने स्पष्ट संदेश दिया है कि श्रावण जैसे पवित्र माह में ही नहीं, साल भर गौसेवा और रक्षा उसका ध्येय है, और 任何 भी कीमत पर गौहत्या को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
